CBSE Class-12 Exam 2017 : All India Scheme Question Paper, Knowledge Traditions And Practices Of India

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Class 12 papers

CBSE Class-12 Exam 2017 : All India Scheme

Question Paper, Knowledge Traditions And Practices Of India

CBSE Class-12 Exam 2017 : Knowledge Traditions And Practices Of India

  • कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्न-पत्र में मुद्रित पृष्ठ 15 हैं ।
  • प्रश्न-पत्र में दाहिने हाथ की ओर दिए गए कोड नम्बर को छात्र उत्तर-पुस्तिका के मुख-पृष्ठ पर लिखें ।
  • कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्न-पत्र में 5 प्रश्न हैं ।
  • कृपया प्रश्न का उत्तर लिखना शुरू करने से पहले, प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें ।
  • इस प्रश्न-पत्र को प‹ढने के लिए १५ मिनट का समय दिया गया है । प्रश्न-पत्र का वितरण पूर्वाङ्घ में १०.१५ बजे किया जाएगा । १०.१५ बजे से १०.३० बजे तक छात्र केवल प्रश्न-पत्र को प‹ढेंगे और इस अवधि के दौरान वे उत्तर-पुस्तिका पर कोई उत्तर नहीं लिखेंगे ।
  • Please check that this question paper contains 15 printed pages.
  • Code number given on the right hand side of the question paper should be written on the title page of the answer-book by the candidate.
  • Please check that this question paper contains 5 questions.
  • Please write down the Serial Number of the question before attempting it.
  • 15 minute time has been allotted to read this question paper. The question paper will be distributed at 10.15 a.m. From 10.15 a.m. to 10.30 a.m., the students will read the question paper only and will not write any answer on the answer-book during this period.
भारत की ज्ञान परंपराएँ और पद्धतियाँ
KNOWLEDGE TRADITIONS AND PRACTICES OF INDIA
 
निर्धारित समय : 3 घण्टे, अधिकतम अंक : 70
Time allowed : 3 hours, Maximum Marks : 70
 
निर्देश : सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
Instructions : Attempt all questions.
 
खण्ड क
(पठन कौशल)
SECTION A
(Reading Skills)
 
१. (क) नीचे दिए गए अवतरण को प‹िढए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : १०
भारतीय नागरिक राज्यव्यवस्था बैबीलोनिया के समान ही प्राचीन है और चीन के समान सर्वाधिक समय तक चली है । इसकी स्थापना रामदास द्वारा अपने ग्रंथ ‘दासबोध ङ्क (१.१०.२५) में निरूपित कथनानुसार ही हुई है कि ――मनुष्य स्वतंत्र है और बलपूर्वक उसका दमन नहीं किया जा सकता‖‖ । जब मानवों की ब‹डी संख्या साथ-साथ रहती है, तो कुछ नियमों और विनियमों की आवश्यकता होती है क्योंकि मानव स्वभाव ‘मत्स्य न्याय ङ्क की भाँति होता है, ―जहाँ ब‹डी मछली छोटी मछली को खा जाती है,‖ यह वस्तुओं के स्वभाव में ही होता है कि बलशाली दुर्बल का शोषण करता है । इसलिए प्रारंभिक समय से ही भारत में यह अनुभूति थी कि एक ऐसा ―समाज‖ होना ही चाहिए जो परस्पर सहमति से बने कुछ नियमों और विनियमों से संचालित होता हो । तथापि ऐसा ―समाज‖ केवल ढीले-ढाले तौर पर ही नियमित होता है ड्ढ यह रीति-रिवाजों तथा पद्धतियों से चलता है, विधियों (μकानूनों) से नहीं । इसलिए कुछ और कठोर संगठन की आवश्यकता होती है, ऐसी प्रणाली जिसे राजनीतिक चतन में ―राज्य‖ कहा जाता है, एक राजनीतिक प्रणाली जो विधि से प्राप्त स्वीकृति और आधार पर हो, ऐसी प्रणाली जो विधि द्वारा शासित हो ।

एक ―राज्य‖ के अनेक आयाम होते हैं  शासितों और शासकों के कर्तव्य और अधिकार, शासन के नियम जो शासितों और शासकों पर लागू होते हैं । इसी प्रकार किसी ―समाज‖ के भी अपने घटक होते हैं, विभिन्न जातियाँ या समुदायों और प्रकार्यात्मक इकाइयाँ जिन्हें हम वर्ण या जाति कह सकते हैं । किसी समाज की संरचनात्मक इकाइयाँ भी होती हैं जैसे परिवार, संस्थाएँ जैसे विवाह और रीति-रिवाज तथा पद्धतियाँ जैसे कि उत्तराधिकार, वैवाहिक कर्मकांड, शोक करने के रिवाज और अंत में व्यक्ति और समाज के जीवन का एक ढाँचा जैसे आश्रम व्यवस्था qहदू समाज में किसी व्यक्ति के जीवन में रखी गई है । भारतीय समाज लगातार अस्तित्व में रहने वाला सबसे प्राचीन समाज है जिसमें वही लंबे, निरंतर और उत्तरोत्तर ब‹ढने वाली सामाजिक प्रणालियाँ हैं जिन्हें समाजशास्त्रीय ग्रंथों के द्वारा कूटबद्ध किया है । उन ग्रंथों को ―धर्मसूत्र‖, ―धर्मशास्त्र‖ और ―निबंध‖ कहा जाता है ।

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Courtesy: CBSE