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CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (English Language And Literature)

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CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (English Language and Literature)



Background :

Traditionally, language-learning materials beyond the initial stages have been sourced from literature: prose, fiction and poetry.

CBSE Special TX: 
GENERAL: 
Subjects: 
Exam / Class: 

CBSE Class-9 Syllabus 2019-20 (English Language And Literature)

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CBSE Class-9 Syllabus 2019-20 (English Language And Literature)



ENGLISH LANGUAGE AND LITERATURE (Code No. 184)

SYLLABUS CLASS – IX (2019-20)

SECTION - WISE WEIGHTAGE

Section

 

Total Weightage 80

A. Reading Skills

20

B. Writing Skills with Grammar

30

C Literature Textbook and Supplementary Reading Text

30

  Total

80

The annual examination will be of 80 marks, with a duration of three hours.

SECTION A: READING ; 20 Marks ;  50 Periods

This section will have two reading passages.

Q.1: A Factual passage 300-350 words with eight Very Short Answer type Questions. 8 marks
Q. 2: A Discursive passage of 350-400 words with four Short Answer type Questions to test inference, evaluation and analysis with four Very Short Answer Questions to test vocabulary.
12 marks

SECTION B: WRITING AND GRAMMAR ; 30 Marks ; 60 Periods

Q. 3: Writing an Article/ Descriptive Paragraph( person/ place/ event/diary entry) in about 100-150 words based on visual or verbal cue/s. The questions will be thematically based on the prescribed books. 8 marks
Q. 4: Writing a short story based on a given outline or cue/s in about 150 - 200 words. 10 marks

The Grammar syllabus will include the following areas in class IX :
1. Tenses
2. Modals
3. Use of passive voice
4. Subject – verb concord
5. Reporting
Commands and requests
(ii) Statements
(iii) Questions
6. Clauses:
(i) Noun clauses
(ii) Adverb clauses of condition and time
(iii) Relative clauses
7. Determiners
8. Prepositions

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GENERAL: 
Subjects: 

CBSE Class-11 Syllabus 2019-20 (Hindi Elective)

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CBSE Class-11 Syllabus 2019-20 (Hindi Elective)



प्रस्तावना :

दसवीं  कक्षा तक हिंदी का अध्ययन करने वाला विद्यार्थी समझते हुए पढ़ने व सुनने के साथ-साथ हिंदी में सोचने और उसे मौखिक एवं लिखित रूप में व्यक्त कर पाने की सामान्य दक्षता अर्जित कर चुका होता है। उच्चतर माध्यमिक स्तर पर आने के बाद इन सभ दक्षताओीं को सामान्य से ऊपर उस स्तर तक ले जाने की आवश्यकता होत है, जहााँ भाषा का प्रयोग भिन्न-भिन्न व्यवहार-क्षेत्रों की माींगों के अनुरूप ककया जा सके। आधार पाठ्यक्रम, साहहर्ययक बोध के साथ-साथ भाषाई दक्षता के विकास को ज्यादा महययव देता है। यह पाठ्यक्रम उन विद्यार्थियों के ललए उपयोग साबबत होगा, जो आगे ववश्वववद्यालय में अध्ययन करते हुए हिंदी को एक ववषय के रूप में पढ़ेंगे या ववज्ञान/सामार्जक ववज्ञान के ककस ववषय को हिंदी माध्यम से पढ़ना चाहेंगे। यह उनके ललए भ उपयोग साबबत होगा, जो उच्चतर माध्यमिक स्तर की लिक्षा के बाद ककस तरह के रोजगार में लग जाएींगे। वहााँ कामकाज हिंदी का आधारभूत अध्ययन काम आएगा। र्जन विद्यार्थियों की रुर्च जनसींचार माध्यमों में होग , उनके ललए यह पाठ्यक्रम एक आरींलभक पृष्ठभूलम ननलमित करेगा। इसके साथ ही यह पाठ्यक्रम सामान्य रूप से तरह-तरह के साहहयय के साथ विद्यार्थियों के सींबींध को सहज बनाएगा। विद्यार्थी भावषक अलभव्यर्क्त के सूक्ष्म एवं जहिल रूपों से पररर्चत हो सकें गे। वे यर्थार्थि को अपने विचारो में व्यवर्स्र्थत करने के साधन के तौर पर भाषा का अर्धक साथिक उपयोग कर पाएाँगे और उनमें जीवन के प्रनत मानव य सींवेदना एवं सम्यक् दृष्टि का विकास हो सकेगा।

उद् देश्य :

  • इन माध्यमों और ववधाओीं के ललए उपयुक्त भाषा प्रयोग की इतन क्षमता उनमें आ
  • चुकी होग कक वे स्वयीं इससे जुडे उच्चतर पाठ्यक्रमों को समझ सकें गे।
  • सामार्जक हहींसा की भावषक अलभव्यर्क्त की समझ।
  • भाषा के अींदर सकक्रय सयता सींबींध की समझ।
  • सृजनायमक साहहयय को सराह पाने और उसका आनींद उठाने की क्षमता का विकास तर्था भाषा में सौंदयाियमकता उयपन्न करने वाली सृजनायमक युर्क्तयों की सींवेदना का विकास।
  • विद्यार्थियों के भीतर सभ प्रकार की विविधताओं (धम, जाति , लिंग , क्षेत्र एवं भाषा सींबींध ) के प्रनत सकारायमक एवं वववेकपूर्ि रवैये का विकास।
  • पठन-सामग्र को भिन्न-भिन्न कोरो से अलग-अलग सामार्जक, साींस्कृ नतक र्चतीं ाओीं के पररप्रेक्ष्य में देिने का अभ्यास कराना तर्था दृष्टि कोर् की एकाींर्गकता के प्रनत
  • आलोचनायमक दृष्टि का विकास करना।

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Exam / Class: 

CBSE Class-12 Syllabus 2019-20 (Hindi Elective)

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CBSE Class-12 Syllabus 2019-20 (Hindi Elective)



प्रस्तावना :

दसवीं  कक्षा तक हिंदी का अध्ययन करने वाला विद्यार्थी समझते हुए पढ़ने व सुनने के साथ-साथ हिंदी में सोचने और उसे मौखिक एवं लिखित रूप में व्यक्त कर पाने की सामान्य दक्षता अर्जित कर चुका होता है। उच्चतर माध्यमिक स्तर पर आने के बाद इन सभ दक्षताओीं को सामान्य से ऊपर उस स्तर तक ले जाने की आवश्यकता होत है, जहााँ भाषा का प्रयोग भिन्न-भिन्न व्यवहार-क्षेत्रों की माींगों के अनुरूप ककया जा सके। आधार पाठ्यक्रम, साहहर्ययक बोध के साथ-साथ भाषाई दक्षता के विकास को ज्यादा महययव देता है। यह पाठ्यक्रम उन विद्यार्थियों के ललए उपयोग साबबत होगा, जो आगे ववश्वववद्यालय में अध्ययन करते हुए हिंदी को एक ववषय के रूप में पढ़ेंगे या ववज्ञान/सामार्जक ववज्ञान के ककस ववषय को हिंदी माध्यम से पढ़ना चाहेंगे। यह उनके ललए भ उपयोग साबबत होगा, जो उच्चतर माध्यमिक स्तर की लिक्षा के बाद ककस तरह के रोजगार में लग जाएींगे। वहााँ कामकाज हिंदी का आधारभूत अध्ययन काम आएगा। र्जन विद्यार्थियों की रुर्च जनसींचार माध्यमों में होग , उनके ललए यह पाठ्यक्रम एक आरींलभक पृष्ठभूलम ननलमित करेगा। इसके साथ ही यह पाठ्यक्रम सामान्य रूप से तरह-तरह के साहहयय के साथ विद्यार्थियों के सींबींध को सहज बनाएगा। विद्यार्थी भावषक अलभव्यर्क्त के सूक्ष्म एवं जहिल रूपों से पररर्चत हो सकें गे। वे यर्थार्थि को अपने विचारो में व्यवर्स्र्थत करने के साधन के तौर पर भाषा का अर्धक साथिक उपयोग कर पाएाँगे और उनमें जीवन के प्रनत मानव य सींवेदना एवं सम्यक् दृष्टि का विकास हो सकेगा।

उद् देश्य :

  • इन माध्यमों और ववधाओीं के ललए उपयुक्त भाषा प्रयोग की इतन क्षमता उनमें आ
  • चुकी होग कक वे स्वयीं इससे जुडे उच्चतर पाठ्यक्रमों को समझ सकें गे।
  • सामार्जक हहींसा की भावषक अलभव्यर्क्त की समझ।
  • भाषा के अींदर सकक्रय सयता सींबींध की समझ।
  • सृजनायमक साहहयय को सराह पाने और उसका आनींद उठाने की क्षमता का विकास तर्था भाषा में सौंदयाियमकता उयपन्न करने वाली सृजनायमक युर्क्तयों की सींवेदना का विकास।
  • विद्यार्थियों के भीतर सभ प्रकार की विविधताओं (धम, जाति , लिंग , क्षेत्र एवं भाषा सींबींध ) के प्रनत सकारायमक एवं वववेकपूर्ि रवैये का विकास।
  • पठन-सामग्र को भिन्न-भिन्न कोरो से अलग-अलग सामार्जक, साींस्कृ नतक र्चतीं ाओीं के पररप्रेक्ष्य में देिने का अभ्यास कराना तर्था दृष्टि कोर् की एकाींर्गकता के प्रनत
  • आलोचनायमक दृष्टि का विकास करना।

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CBSE Class-12 Syllabus 2019-20 (Hindi Core)

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CBSE Class-12 Syllabus 2019-20 (Hindi Core)



प्रस्तावना :

दसवीं  कक्षा तक हिंदी का अध्ययन करने वाला विद्यार्थी समझते हुए पढ़ने व सुनने के साथ-साथ हिंदी में सोचने और उसे मौखिक एवं लिखित रूप में व्यक्त कर पाने की सामान्य दक्षता अर्जित कर चुका होता है। उच्चतर माध्यमिक स्तर पर आने के बाद इन सभ दक्षताओीं को सामान्य से ऊपर उस स्तर तक ले जाने की आवश्यकता होत है, जहााँ भाषा का प्रयोग भिन्न-भिन्न व्यवहार-क्षेत्रों की माींगों के अनुरूप ककया जा सके। आधार पाठ्यक्रम, साहहर्ययक बोध के साथ-साथ भाषाई दक्षता के विकास को ज्यादा महययव देता है। यह पाठ्यक्रम उन विद्यार्थियों के ललए उपयोग साबबत होगा, जो आगे ववश्वववद्यालय में अध्ययन करते हुए हिंदी को एक ववषय के रूप में पढ़ेंगे या ववज्ञान/सामार्जक ववज्ञान के ककस ववषय को हिंदी माध्यम से पढ़ना चाहेंगे। यह उनके ललए भ उपयोग साबबत होगा, जो उच्चतर माध्यमिक स्तर की लिक्षा के बाद ककस तरह के रोजगार में लग जाएींगे। वहााँ कामकाज हिंदी का आधारभूत अध्ययन काम आएगा। र्जन विद्यार्थियों की रुर्च जनसींचार माध्यमों में होग , उनके ललए यह पाठ्यक्रम एक आरींलभक पृष्ठभूलम ननलमित करेगा। इसके साथ ही यह पाठ्यक्रम सामान्य रूप से तरह-तरह के साहहयय के साथ विद्यार्थियों के सींबींध को सहज बनाएगा। विद्यार्थी भावषक अलभव्यर्क्त के सूक्ष्म एवं जहिल रूपों से पररर्चत हो सकें गे। वे यर्थार्थि को अपने विचारो में व्यवर्स्र्थत करने के साधन के तौर पर भाषा का अर्धक साथिक उपयोग कर पाएाँगे और उनमें जीवन के प्रनत मानव य सींवेदना एवं सम्यक् दृष्टि का विकास हो सकेगा।

उद् देश्य :

  • इन माध्यमों और ववधाओीं के ललए उपयुक्त भाषा प्रयोग की इतन क्षमता उनमें आ
  • चुकी होग कक वे स्वयीं इससे जुडे उच्चतर पाठ्यक्रमों को समझ सकें गे।
  • सामार्जक हहींसा की भावषक अलभव्यर्क्त की समझ।
  • भाषा के अींदर सकक्रय सयता सींबींध की समझ।
  • सृजनायमक साहहयय को सराह पाने और उसका आनींद उठाने की क्षमता का विकास तर्था भाषा में सौंदयाियमकता उयपन्न करने वाली सृजनायमक युर्क्तयों की सींवेदना का विकास।
  • विद्यार्थियों के भीतर सभ प्रकार की विविधताओं (धम, जाति , लिंग , क्षेत्र एवं भाषा सींबींध ) के प्रनत सकारायमक एवं वववेकपूर्ि रवैये का विकास।
  • पठन-सामग्र को भिन्न-भिन्न कोरो से अलग-अलग सामार्जक, साींस्कृ नतक र्चतीं ाओीं के पररप्रेक्ष्य में देिने का अभ्यास कराना तर्था दृष्टि कोर् की एकाींर्गकता के प्रनत
  • आलोचनायमक दृष्टि का विकास करना।

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CBSE Class-11 Syllabus 2019-20 (Hindi Core)

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प्रस्तावना :

दसवीं  कक्षा तक हिंदी का अध्ययन करने वाला विद्यार्थी समझते हुए पढ़ने व सुनने के साथ-साथ हिंदी में सोचने और उसे मौखिक एवं लिखित रूप में व्यक्त कर पाने की सामान्य दक्षता अर्जित कर चुका होता है। उच्चतर माध्यमिक स्तर पर आने के बाद इन सभ दक्षताओीं को सामान्य से ऊपर उस स्तर तक ले जाने की आवश्यकता होत है, जहााँ भाषा का प्रयोग भिन्न-भिन्न व्यवहार-क्षेत्रों की माींगों के अनुरूप ककया जा सके। आधार पाठ्यक्रम, साहहर्ययक बोध के साथ-साथ भाषाई दक्षता के विकास को ज्यादा महययव देता है। यह पाठ्यक्रम उन विद्यार्थियों के ललए उपयोग साबबत होगा, जो आगे ववश्वववद्यालय में अध्ययन करते हुए हिंदी को एक ववषय के रूप में पढ़ेंगे या ववज्ञान/सामार्जक ववज्ञान के ककस ववषय को हिंदी माध्यम से पढ़ना चाहेंगे। यह उनके ललए भ उपयोग साबबत होगा, जो उच्चतर माध्यमिक स्तर की लिक्षा के बाद ककस तरह के रोजगार में लग जाएींगे। वहााँ कामकाज हिंदी का आधारभूत अध्ययन काम आएगा। र्जन विद्यार्थियों की रुर्च जनसींचार माध्यमों में होग , उनके ललए यह पाठ्यक्रम एक आरींलभक पृष्ठभूलम ननलमित करेगा। इसके साथ ही यह पाठ्यक्रम सामान्य रूप से तरह-तरह के साहहयय के साथ विद्यार्थियों के सींबींध को सहज बनाएगा। विद्यार्थी भावषक अलभव्यर्क्त के सूक्ष्म एवं जहिल रूपों से पररर्चत हो सकें गे। वे यर्थार्थि को अपने विचारो में व्यवर्स्र्थत करने के साधन के तौर पर भाषा का अर्धक साथिक उपयोग कर पाएाँगे और उनमें जीवन के प्रनत मानव य सींवेदना एवं सम्यक् दृष्टि का विकास हो सकेगा।

उद् देश्य :

  • इन माध्यमों और ववधाओीं के ललए उपयुक्त भाषा प्रयोग की इतन क्षमता उनमें आ
  • चुकी होग कक वे स्वयीं इससे जुडे उच्चतर पाठ्यक्रमों को समझ सकें गे।
  • सामार्जक हहींसा की भावषक अलभव्यर्क्त की समझ।
  • भाषा के अींदर सकक्रय सयता सींबींध की समझ।
  • सृजनायमक साहहयय को सराह पाने और उसका आनींद उठाने की क्षमता का विकास तर्था भाषा में सौंदयाियमकता उयपन्न करने वाली सृजनायमक युर्क्तयों की सींवेदना का विकास।
  • विद्यार्थियों के भीतर सभ प्रकार की विविधताओं (धम, जाति , लिंग , क्षेत्र एवं भाषा सींबींध ) के प्रनत सकारायमक एवं वववेकपूर्ि रवैये का विकास।
  • पठन-सामग्र को भिन्न-भिन्न कोरो से अलग-अलग सामार्जक, साींस्कृ नतक र्चतीं ाओीं के पररप्रेक्ष्य में देिने का अभ्यास कराना तर्था दृष्टि कोर् की एकाींर्गकता के प्रनत
  • आलोचनायमक दृष्टि का विकास करना।

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Exam / Class: 

CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (Hindi Course-A&B)

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CBSE Class-10 Syllabus 2019-20

(Hindi Course-A&B)



Syllabus :

व्याकरण बिंदु
कक्षा 10वीं

  • रचना के आधार पर वाक्य भेद
  • वाच्य
  • पद-परिचय 
  • रस

श्रवण व वाचन (मौखिक बोलना ) संबंधी योग्यताए

श्रवण (सुनना) कौशल

  • वखणात या पदठत सामग्र , वाताा, भाषण, पररचचाा, वाताालाप, वाद-वववाद, कववता-पाठ आदि का सुनकर अर्था ग्रहण करना, मूल्याींकन करना और अलभव्यष्तत के ींग को जानना।
  • वततव्य के भाव, ववनोद व उसमें तनदहत सींदेश, व्यींग्य आदि को समझना।
  • वैचारिक मतभेद होने पर भ वतता की बात को ध्यानपूवाक, धैयापूवाक व लशटिाचारानुकूल प्रकार से सुनना व वतता के दृष्टिकोण को समझना।
  • ज्ञानाजान मनोरींजन व प्रेरणा ग्रहण करने हेतु सुनना।
  • वततव्य का आलोचनात्मक ववश्लेषण करना एवं सुनकर उसका सार ग्रहण करना। श्रवण (सुनना) का परीक्षण : कुल 2.5 अंक (ढाई अंक)
  • परीक्षक ककस प्रासींधगक विषय पर एक अनुच्छेद का स्पष्ट वाचन करेगा। अनुच्छेद तथ्यात्मक या सुझावात्मक हो सकता है। अनुच्छेद लगभग 150 शब्दों का होना चादहए।

या

परीक्षक 2-3 लमनि का श्रव्य अींश (ऑडडयो ष्तलप) सुनवाएगा। अींश रोचक होना चादहए। कथ्य /घिना पूणा एवं स्पष्ट होन चादहए। वाचक का उच्चारण शुद् ध, स्पष्ट एवं ववराम धचह् नों के उधचत प्रयोग सदहत होना चादहए।

परीक्षक को सुनते-सुनते परीक्षार्थी अलग कागज पर दिए हुए श्रवण बोधन के अभ्यासों को हल कर सकेंगे।

  • अभ्यास ररतत स्र्थान पतू त,ा बहुववकल्प अर्थवा सत्य/असत्य का चुनाव आदि ववधाओ ीं में हो सकत े हैं।
  • अतत लघूत्तरात्मक 5 प्रश्न पूछे जाएँगे।
    वाचन (बोलना ) कौशल
  • बोलते समय भली प्रकार उच्चारण करना, गतत, लय, आरोह-अवरोह उधचत बलाघात व अनुतान
    सदहत बोलना, सस्वर कववता-वाचन, कर्था-कहान अर्थवा घिना सुनाना।
  • आत्मविश्वास , सहजता व धाराप्रवाह बोलना, कायाक्रम-प्रस्तुतत।
  • भावों का सष्ममश्रण जैसे - हषा, ववषाद, ववस्मय, आदर आदि को प्रभावशाली रूप से व्यतत करना, भावानुकूल सींवाद-वाचन।
  • औपचाररक व अनौपचाररक भाषा में भेद कर सकने में कुशल होना व प्रततकक्रयाओीं को तनयींत्रत्रत व लशटि भाषा में प्रकि करना।
  • मौखिक अलभव्यष्तत को क्रमबद् ध, प्रकरण की एकता सदहत व यर्थासींभव सींक्षक्षप्त रिना।
  • स्वागत करना, पररचय देना, धन्यवाद देना, भाषण, वाद-वववाद, कृतज्ञता ज्ञापन, सींवेदना व बधाई इत्यादद मौखिक कौशलों का उपयोग।
  • मींच भय से मुतत होकर प्रभावशाली ींग से 5-10 लमनि तक भाषण देना। वाचन (बोलना ) का परीक्षण : कुल 2.5 अंक (ढाई अंक)
  • धचत्रों के क्रम पर आधाररत वणानः इस भाग में अपेक्षा की जाएग कक परीक्षार्थी विवरणात्मक भाषा का प्रयोग करें।

    ककस धचत्र का वणान (धचत्र व्यष्तत या स्र्थान के हो सकते हैं)

  • ककस तनधााररत विषय पर बोलना ष्जससे वह अपने व्यष्ततगत अनुभव का प्रत्यास्मरण कर सके।
  • पररचय देना। 1 अींक
    (स्व/ पररवार/ वातावरण/ वस्तु/ व्यष्तत/ पयाावरण/ कवव /लेिक आदि )

आधे-आधे अींक के कुल त न प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

कौशलों क अतरण के मूल्यांकन

 

श्रवण (सनना)

 

वाचन(बोलना )

1

ववद्यार्थी म पररधचत सदभों म प्रयतत शब्दों और

पदों को समझन की सामान्य योग्यता ह, ककत ससबद्ध आशय को नहीीं समझ पाता।

1

ववद्यार्थी कवल अलग-अलग शब्दों और पदों

क प्रयोग की योग्यता प्रदलशत करता ह ककत एक ससबद्ध स्तर पर नहीीं बोल सकता।

2

छोि ससबद्ध कर्थनों को पररधचत सदभों में  समझन की योग्यता ह।

2

पररधचत सदभों में कवल छोि            ससबद् ध

कर्थनों का स लमत शद्धता से प्रयोग करता ह।

3

पररधचत ा अपररधचत  दोनों सदभों म कधर्थत

सचना  को   स्पष्ट समझन की योग्यता ह। अशद्धधयाँ करता   ह   ष्जससे प्रेषण म रूकावि आत  ह

3

अपेक्षक्षत   दीघ  भाषण  म  अधधक        जदिल

कर्थनों क प्रयोग की योग्यता प्रदलशत करता ह अभ भ    कछ       अशद्धधयाँ        करता ह। ष्जससे प्रेषण म रूकावि आत ह।

4

दीघ कर्थनों की शिला को पयाप्त शद् धता से

समझता ह और तनटकष तनकाल सकता ह।

4

अपररधचत ष्स्र्थततों म ववचारों को ताककक

ग से सगदठत कर धारा प्रवाह  रूप  म प्रस्तत कर सकता ह। ऐस गलततया करता ह ष्जनस प्रेषण म रूकावि नहीीं आत ।

5

जदिल कर्थनों क ववचार-त्रबदओीं को समझन की

ोग्यता प्रदलशत करता ह, उद्देश्य   क                            अनकल सनन की कशलता प्रदलशत करता ह।

5

उद् देश्य और श्रोता क ललए उपयतत शली

को अपना सकता ह कवल मामली गलततया करता ह।

टिप्पणी

  • परीक्षण से पूवा परीक्षार्थी को तैयारी के ललए कुछ समय ददया जाए।
  • विवरणात्मक भाषा में वतामान काल का प्रयोग अपेक्षक्षत है।
  • तनधााररत विषय परीक्षार्थी के अनुभव सींसार के हों, जैसे - कोई चुिकुला या हास्य-प्रसींग सुनाना,
    हाल में पढ़ी पुस्तक या देिे गए लसनेमा की कहान सुनाना।
  • जब परीक्षार्थी बोलना प्रारींभ करें तो परीक्षक कम से कम हस्तक्षेप करें।

    पठन कौशल

  • पठन क्षमता का मुख्य उद् देश्य ऐसे व्यष्ततयों का तनमााण करने में तनदहत है जो स्वतत्रीं रूप से धचतीं न
    कर सकें तर्था ष्जनमें न केवल अपने स्वयीं के ज्ञान का तनमााण करने की क्षमता हो अवपतु वे इसका
    आत्मावलोकन भ कर सकें ।

  • सरसरी दृष्टि से पढ़कर पाठ का कें द्रीय ववचार ग्रहण करना।
  • एकाग्रधचत हो एक अभ टि गतत के सार्थ मौन पठन करना।
  • पदठत सामग्र पर अपन प्रततकक्रया प्रकि करना।
  • भाषा, ववचार एवं शैली की सराहना करना।
  • सादहत्य के प्रतत अलभरूधच का ववकास करना।
  • सींदभा के अनुसार शब्दों के अर्था–भेदों की पहचान करना।
  • ककस ववलशटि उद् देश्य को ध्यान में रिते हुए तत्सींबींध ववशेष स्र्थल की पहचान करना।
  • पदठत सामग्र के ववलभन्न अींशों का परस्पर सींबींध समझना I
  • पदठत अनुच्छेदों के श षाक एवं उपश षाक देना।
  • कववता के प्रमुि उपादान - तुक, लय, यतत आदि से पररधचत कराना।

टिप्पणी : पठन के ललए सामाष्जक, साींस्कृततक , प्राकृततक, कलात्मक, मनोवैज्ञातनक, वैज्ञातनक तर्था िेल-कूद और मनोरींजन सींबींध सादहत्य के सरल अींश चुने जाएँ। शलिने की योग्यताएाँ

  • ललवप के मान्य रूप का ही व्यवहार करनाI
  • ववराम-धचह् नों का सही प्रयोग करनाI
  • लेिन के ललए सकक्रय (व्यवहारोपयोग ) शब्द भींडार की वृद् धध करना।
  • प्रभावपूणा भाषा तर्था लेिन-शैली का स्वाभाववक रूप से प्रयोग करना I
  • उपयुतत अनुच्छेदों में बाँिकर ललिना।
  • प्रार्थाना पत्र, तनमींत्रण पत्र, बधाई पत्र, सींवेदना पत्र, आदेश पत्र, एस.एम.एस आदि ललिना और
    ववववध प्रपत्रों को भरना।
  • ववववध स्रोतों से आवश्यक सामग्र एकत्र कर अभ टि विषय पर तनबींध ललिना।
  • देि हुई घिनाओीं का वणान करना और उन पर अपन प्रततकक्रया प्रकि करना।
  • पढ़ी हुई कहान को सवीं ाद में तर्था सवीं ाद को कहान में पररवततता करना।
  • समारोह और गोष्टठयों की सूचना और प्रततवेदन तैयार करना।
  • सार, सींक्षेप करण एवं भावार्था ललिना।
  • गद्य एवं पद्य अवतरणों की व्याख्या ललिना।
  • स्वानुभूत ववचारों और भावनाओीं को स्पष्ट सहज और प्रभावशाली ींग से अलभव्यतत करना।
  • क्रमबद् धता और प्रकरण की एकता बनाए रिना।
  • ललिने में मौललकता और सजानात्मकता लाना।
    रचनात्मक अशभव्यक्तत
  • वाद-वववाद
    विषय का चुनाव विषय–लशक्षक स्वयीं करें।
    आधार त्रबदीं ु – ताकका कता, भाषण कला, अपन बात अधधकारपवू का कहनाI
  • कवव सममेलनI
    पाठ्यपुस्तक में सींकललत कववताओीं के आधार पर कववता पाठ
    या
    मौललक कववताओँ की रचना कर कवव सममेलन या अींत्याक्षरी


आधार बिंदु

  • अलभव्यष्तत
  • गतत, लय, आरोह-अवरोह सदहत कववता वाचन
  • मींच पर बोलने का अभ्यास/या मींच भय से मुष्तत कहान सुनाना/ कहान ललिना या घिना का वणान/लेिन आधार बिंदु
  • सींवाद – भावानुकूल एवं पात्रानुकूल
  • घिनाओीं का क्रलमक विवरण
  • प्रस्तुत करण
  • उच्चारण
  • पररचय देना और पररचय लेना – पाठ्य पुस्तक के पाठों से प्रेरणा लेते हुए आधुतनक तरीके से ककस नए लमत्र से सींवाद स्र्थावपत करते हुए अपना पररचय सरल शब्दों में देना तर्था उसके विषय में जानकारी प्राप्त करना।
  • अलभनय कला-पाठों के आधार पर ववद्यार्थी अपन अलभनय प्रततभा का प्रदशान कर भाषा में सींवादों की अदायग का प्रभावशाली प्रयोग कर सकते हैं। नािक एक सामूदहक कक्रया है, अतः नािक के लेिन, तनदेशन सींवाद, अलभनय, भाषा व उद् देश्य इत्यादद को देिते हुए लशक्षक स्वयीं अींकों का तनधाारण कर सकता है।
  • आशुभाषण – ववद्याधर्थायों की अनुभव पररधध से सींबींधधत विषय।
  • सामूदहक चचाा – ववद्याधर्थायों की अनुभव पररधध से सींबींधधत विषय।


मूल्यांकन के संकेतो बिन्दुओ का विवरण

प्रस्तुतिकरण 

  • आत्मविश्वास
  • हाव-भाव
  • प्रभावश लता
  • ताककाकता
  • स्पष्टता

विषय वस्तु

  • विषय की सही अवधारणा
  • तका सममत

भाषा

  • शब्दचयन व स्पष्टता स्तर और अवसर के अनुकूल।

उच्चारण

  • स्पष्ट उच्चारण, सही अनुतान, आरोह-अवरोह पर अधधक बल।

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CBSE Class-9 Syllabus 2018-19 (Hindi Course-A&B)

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CBSE Class-9 Syllabus 2018-19

(Hindi Course-A&B)



Syllabus :

व्याकरण बिंदु
कक्षा 9वीं

  • उपसर्ग, प्रत्यय
  • समास
  • अर्थ की दृष्टि से वातय भेद
  • अलंकार : शब्दालंकार – अनुप्रास, यमक एवं श्लेष; अर्थालंकार - उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिश्योक्ति  एवं मानवीकरण I

श्रवण व वाचन (मौखिक बोलना ) संबंधी योग्यताए

श्रवण (सुनना) कौशल

  • वखणात या पदठत सामग्र , वाताा, भाषण, पररचचाा, वाताालाप, वाद-वववाद, कववता-पाठ आदि का सुनकर अर्था ग्रहण करना, मूल्याींकन करना और अलभव्यष्तत के ींग को जानना।
  • वततव्य के भाव, ववनोद व उसमें तनदहत सींदेश, व्यींग्य आदि को समझना।
  • वैचारिक मतभेद होने पर भ वतता की बात को ध्यानपूवाक, धैयापूवाक व लशटिाचारानुकूल प्रकार से सुनना व वतता के दृष्टिकोण को समझना।
  • ज्ञानाजान मनोरींजन व प्रेरणा ग्रहण करने हेतु सुनना।
  • वततव्य का आलोचनात्मक ववश्लेषण करना एवं सुनकर उसका सार ग्रहण करना। श्रवण (सुनना) का परीक्षण : कुल 2.5 अंक (ढाई अंक)
  • परीक्षक ककस प्रासींधगक विषय पर एक अनुच्छेद का स्पष्ट वाचन करेगा। अनुच्छेद तथ्यात्मक या सुझावात्मक हो सकता है। अनुच्छेद लगभग 150 शब्दों का होना चादहए।

या

परीक्षक 2-3 लमनि का श्रव्य अींश (ऑडडयो ष्तलप) सुनवाएगा। अींश रोचक होना चादहए। कथ्य /घिना पूणा एवं स्पष्ट होन चादहए। वाचक का उच्चारण शुद् ध, स्पष्ट एवं ववराम धचह् नों के उधचत प्रयोग सदहत होना चादहए।

परीक्षक को सुनते-सुनते परीक्षार्थी अलग कागज पर दिए हुए श्रवण बोधन के अभ्यासों को हल कर सकेंगे।

  • अभ्यास ररतत स्र्थान पतू त,ा बहुववकल्प अर्थवा सत्य/असत्य का चुनाव आदि ववधाओ ीं में हो सकत े हैं।
  • अतत लघूत्तरात्मक 5 प्रश्न पूछे जाएँगे।
    वाचन (बोलना ) कौशल
  • बोलते समय भली प्रकार उच्चारण करना, गतत, लय, आरोह-अवरोह उधचत बलाघात व अनुतान
    सदहत बोलना, सस्वर कववता-वाचन, कर्था-कहान अर्थवा घिना सुनाना।
  • आत्मविश्वास , सहजता व धाराप्रवाह बोलना, कायाक्रम-प्रस्तुतत।
  • भावों का सष्ममश्रण जैसे - हषा, ववषाद, ववस्मय, आदर आदि को प्रभावशाली रूप से व्यतत करना, भावानुकूल सींवाद-वाचन।
  • औपचाररक व अनौपचाररक भाषा में भेद कर सकने में कुशल होना व प्रततकक्रयाओीं को तनयींत्रत्रत व लशटि भाषा में प्रकि करना।
  • मौखिक अलभव्यष्तत को क्रमबद् ध, प्रकरण की एकता सदहत व यर्थासींभव सींक्षक्षप्त रिना।
  • स्वागत करना, पररचय देना, धन्यवाद देना, भाषण, वाद-वववाद, कृतज्ञता ज्ञापन, सींवेदना व बधाई इत्यादद मौखिक कौशलों का उपयोग।
  • मींच भय से मुतत होकर प्रभावशाली ींग से 5-10 लमनि तक भाषण देना। वाचन (बोलना ) का परीक्षण : कुल 2.5 अंक (ढाई अंक)
  • धचत्रों के क्रम पर आधाररत वणानः इस भाग में अपेक्षा की जाएग कक परीक्षार्थी विवरणात्मक भाषा का प्रयोग करें।

    ककस धचत्र का वणान (धचत्र व्यष्तत या स्र्थान के हो सकते हैं)

  • ककस तनधााररत विषय पर बोलना ष्जससे वह अपने व्यष्ततगत अनुभव का प्रत्यास्मरण कर सके।
  • पररचय देना। 1 अींक
    (स्व/ पररवार/ वातावरण/ वस्तु/ व्यष्तत/ पयाावरण/ कवव /लेिक आदि )

आधे-आधे अींक के कुल त न प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

कौशलों क अतरण के मूल्यांकन

 

श्रवण (सनना)

 

वाचन(बोलना )

1

ववद्यार्थी म पररधचत सदभों म प्रयतत शब्दों और

पदों को समझन की सामान्य योग्यता ह, ककत ससबद्ध आशय को नहीीं समझ पाता।

1

ववद्यार्थी कवल अलग-अलग शब्दों और पदों

क प्रयोग की योग्यता प्रदलशत करता ह ककत एक ससबद्ध स्तर पर नहीीं बोल सकता।

2

छोि ससबद्ध कर्थनों को पररधचत सदभों में  समझन की योग्यता ह।

2

पररधचत सदभों में कवल छोि            ससबद् ध

कर्थनों का स लमत शद्धता से प्रयोग करता ह।

3

पररधचत ा अपररधचत  दोनों सदभों म कधर्थत

सचना  को   स्पष्ट समझन की योग्यता ह। अशद्धधयाँ करता   ह   ष्जससे प्रेषण म रूकावि आत  ह

3

अपेक्षक्षत   दीघ  भाषण  म  अधधक        जदिल

कर्थनों क प्रयोग की योग्यता प्रदलशत करता ह अभ भ    कछ       अशद्धधयाँ        करता ह। ष्जससे प्रेषण म रूकावि आत ह।

4

दीघ कर्थनों की शिला को पयाप्त शद् धता से

समझता ह और तनटकष तनकाल सकता ह।

4

अपररधचत ष्स्र्थततों म ववचारों को ताककक

ग से सगदठत कर धारा प्रवाह  रूप  म प्रस्तत कर सकता ह। ऐस गलततया करता ह ष्जनस प्रेषण म रूकावि नहीीं आत ।

5

जदिल कर्थनों क ववचार-त्रबदओीं को समझन की

ोग्यता प्रदलशत करता ह, उद्देश्य   क                            अनकल सनन की कशलता प्रदलशत करता ह।

5

उद् देश्य और श्रोता क ललए उपयतत शली

को अपना सकता ह कवल मामली गलततया करता ह।

टिप्पणी

  • परीक्षण से पूवा परीक्षार्थी को तैयारी के ललए कुछ समय ददया जाए।
  • विवरणात्मक भाषा में वतामान काल का प्रयोग अपेक्षक्षत है।
  • तनधााररत विषय परीक्षार्थी के अनुभव सींसार के हों, जैसे - कोई चुिकुला या हास्य-प्रसींग सुनाना,
    हाल में पढ़ी पुस्तक या देिे गए लसनेमा की कहान सुनाना।
  • जब परीक्षार्थी बोलना प्रारींभ करें तो परीक्षक कम से कम हस्तक्षेप करें।

    पठन कौशल

  • पठन क्षमता का मुख्य उद् देश्य ऐसे व्यष्ततयों का तनमााण करने में तनदहत है जो स्वतत्रीं रूप से धचतीं न
    कर सकें तर्था ष्जनमें न केवल अपने स्वयीं के ज्ञान का तनमााण करने की क्षमता हो अवपतु वे इसका
    आत्मावलोकन भ कर सकें ।

  • सरसरी दृष्टि से पढ़कर पाठ का कें द्रीय ववचार ग्रहण करना।
  • एकाग्रधचत हो एक अभ टि गतत के सार्थ मौन पठन करना।
  • पदठत सामग्र पर अपन प्रततकक्रया प्रकि करना।
  • भाषा, ववचार एवं शैली की सराहना करना।
  • सादहत्य के प्रतत अलभरूधच का ववकास करना।
  • सींदभा के अनुसार शब्दों के अर्था–भेदों की पहचान करना।
  • ककस ववलशटि उद् देश्य को ध्यान में रिते हुए तत्सींबींध ववशेष स्र्थल की पहचान करना।
  • पदठत सामग्र के ववलभन्न अींशों का परस्पर सींबींध समझना I
  • पदठत अनुच्छेदों के श षाक एवं उपश षाक देना।
  • कववता के प्रमुि उपादान - तुक, लय, यतत आदि से पररधचत कराना।

टिप्पणी : पठन के ललए सामाष्जक, साींस्कृततक , प्राकृततक, कलात्मक, मनोवैज्ञातनक, वैज्ञातनक तर्था िेल-कूद और मनोरींजन सींबींध सादहत्य के सरल अींश चुने जाएँ। शलिने की योग्यताएाँ

  • ललवप के मान्य रूप का ही व्यवहार करनाI
  • ववराम-धचह् नों का सही प्रयोग करनाI
  • लेिन के ललए सकक्रय (व्यवहारोपयोग ) शब्द भींडार की वृद् धध करना।
  • प्रभावपूणा भाषा तर्था लेिन-शैली का स्वाभाववक रूप से प्रयोग करना I
  • उपयुतत अनुच्छेदों में बाँिकर ललिना।
  • प्रार्थाना पत्र, तनमींत्रण पत्र, बधाई पत्र, सींवेदना पत्र, आदेश पत्र, एस.एम.एस आदि ललिना और
    ववववध प्रपत्रों को भरना।
  • ववववध स्रोतों से आवश्यक सामग्र एकत्र कर अभ टि विषय पर तनबींध ललिना।
  • देि हुई घिनाओीं का वणान करना और उन पर अपन प्रततकक्रया प्रकि करना।
  • पढ़ी हुई कहान को सवीं ाद में तर्था सवीं ाद को कहान में पररवततता करना।
  • समारोह और गोष्टठयों की सूचना और प्रततवेदन तैयार करना।
  • सार, सींक्षेप करण एवं भावार्था ललिना।
  • गद्य एवं पद्य अवतरणों की व्याख्या ललिना।
  • स्वानुभूत ववचारों और भावनाओीं को स्पष्ट सहज और प्रभावशाली ींग से अलभव्यतत करना।
  • क्रमबद् धता और प्रकरण की एकता बनाए रिना।
  • ललिने में मौललकता और सजानात्मकता लाना।
    रचनात्मक अशभव्यक्तत
  • वाद-वववाद
    विषय का चुनाव विषय–लशक्षक स्वयीं करें।
    आधार त्रबदीं ु – ताकका कता, भाषण कला, अपन बात अधधकारपवू का कहनाI
  • कवव सममेलनI
    पाठ्यपुस्तक में सींकललत कववताओीं के आधार पर कववता पाठ
    या
    मौललक कववताओँ की रचना कर कवव सममेलन या अींत्याक्षरी


आधार बिंदु

  • अलभव्यष्तत
  • गतत, लय, आरोह-अवरोह सदहत कववता वाचन
  • मींच पर बोलने का अभ्यास/या मींच भय से मुष्तत कहान सुनाना/ कहान ललिना या घिना का वणान/लेिन आधार बिंदु
  • सींवाद – भावानुकूल एवं पात्रानुकूल
  • घिनाओीं का क्रलमक विवरण
  • प्रस्तुत करण
  • उच्चारण
  • पररचय देना और पररचय लेना – पाठ्य पुस्तक के पाठों से प्रेरणा लेते हुए आधुतनक तरीके से ककस नए लमत्र से सींवाद स्र्थावपत करते हुए अपना पररचय सरल शब्दों में देना तर्था उसके विषय में जानकारी प्राप्त करना।
  • अलभनय कला-पाठों के आधार पर ववद्यार्थी अपन अलभनय प्रततभा का प्रदशान कर भाषा में सींवादों की अदायग का प्रभावशाली प्रयोग कर सकते हैं। नािक एक सामूदहक कक्रया है, अतः नािक के लेिन, तनदेशन सींवाद, अलभनय, भाषा व उद् देश्य इत्यादद को देिते हुए लशक्षक स्वयीं अींकों का तनधाारण कर सकता है।
  • आशुभाषण – ववद्याधर्थायों की अनुभव पररधध से सींबींधधत विषय।
  • सामूदहक चचाा – ववद्याधर्थायों की अनुभव पररधध से सींबींधधत विषय।


मूल्यांकन के संकेतो बिन्दुओ का विवरण

प्रस्तुतिकरण 

  • आत्मविश्वास
  • हाव-भाव
  • प्रभावश लता
  • ताककाकता
  • स्पष्टता

विषय वस्तु

  • विषय की सही अवधारणा
  • तका सममत

भाषा

  • शब्दचयन व स्पष्टता स्तर और अवसर के अनुकूल।

उच्चारण

  • स्पष्ट उच्चारण, सही अनुतान, आरोह-अवरोह पर अधधक बल।

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CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (Social Science)

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CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (Social Science)



that the process of change is continuous and any event or phenomenon or issue cannot be viewed in isolation but in a wider context of time and space

  • develop an understanding of contemporary India with its historical perspective, of the basic framework of the goals and policies of national development in independent India, and of the process of change with appropriate connections to world development
  • deepen knowledge about and understanding of India’s freedom struggle and of the values and ideals that it represented, and to develop an appreciation of the contributions made by people of all sections and regions of the country 
  • help learners understand and cherish the values enshrined in the Indian Constitution and to prepare them for their roles and responsibilities as effective citizens of a democratic society
  • deepen the knowledge and understanding of India’s environment in its totality, their interactive processes and effects on the future quality of people’s lives
  • facilitate the learners to understand and appreciate the diversity in the land and people of the country with its underlying unity
  • develop an appreciation of the richness and variety of India’s heritage-both natural and cultural and the need for its preservation
  • promote an understanding of the issues and challenges of contemporary Indiaenvironmental, economic and social, as part of the development process
  • help pupils acquire knowledge, skills and understanding to face the challenges of contemporary society as individuals and groups and learn the art of living a confident and stress-free life as well as participating effectively in the community
  • develop scientific temperament by promoting the spirit of enquiry and following a rational and objective approach in analysing and evaluating data and information as well as views and interpretations
  • develop academic and social skills such as critical thinking, communicating effectively both in visual and verbal forms - cooperating with others, taking initiatives and providing leadership in solving others’ problems
  • develop qualities clustered around the personal, social, moral, national and spiritual values that make a person humane and socially effective.

SOCIAL SCIENCE (087)
COURSE STRUCTURE CLASS - X (Session 2019-20)

Time: 3 Hrs.

Marks: 80

Units

  Marks

Pd

I India and the Contemporary World - II 20 60
II Contemporary India - II 20 55
III Democratic Politics II 20 50
IV Understanding Economic Development 20 50
  Total 80 215

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CBSE Class-9 Syllabus 2019-20 (Social Science)

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CBSE Class-9 Syllabus 2019-20 (Social Science)



Rationale

Social Science is a compulsory subject up to secondary stage of school education. It is an integral component of general education because it helps the learners in understanding the environment in its totality and developing a broader perspective and an empirical, reasonable and humane outlook. This is of crucial importance because it helps them grow into well-informed and responsible citizens with necessary attributes and skills for being able to participate and contribute effectively in the process of development and nation-building.

The Social Science curriculum draws its content mainly from History, Geography, Political Science and Economics. Some elements of Sociology and Commerce are also included. Together they provide a comprehensive view of society over space and time, and in relation to each other. Each subject’s distinct methods of enquiry help the learners to understand society from different angles and form a holistic view. 

Objectives

The main objectives of this syllabus are to:

  • develop an understanding of the processes of change and development-both inof time and space, through which human societies have evolved
  • make learners realise that the process of change is continuous and any event or phenomenon or issue cannot be viewed in isolation but in a wider context of time and space
  • develop an understanding of contemporary India with its historical perspective, of the basic framework of the goals and policies of national development in independent India, and of the process of change with appropriate connections to world development
  • deepen knowledge about and understanding of India’s freedom struggle and of the values and ideals that it represented, and to develop an appreciation of the contributions made by people of all sections and regions of the country 
  • help learners understand and cherish the values enshrined in the Indian Constitution and to prepare them for their roles and responsibilities as effective citizens of a democratic society
  • deepen the knowledge and understanding of India’s environment in its totality, their interactive processes and effects on the future quality of people’s lives
  • facilitate the learners to understand and appreciate the diversity in the land and people of the country with its underlying unity
  • develop an appreciation of the richness and variety of India’s heritage-both natural and cultural and the need for its preservation
  • promote an understanding of the issues and challenges of contemporary Indiaenvironmental, economic and social, as part of the development process
  • help pupils acquire knowledge, skills and understanding to face the challenges of contemporary society as individuals and groups and learn the art of living a confident and stress-free life as well as participating effectively in the community
  • develop scientific temperament by promoting the spirit of enquiry and following a rational and objective approach in analysing and evaluating data and information as well as views and interpretations
  • develop academic and social skills such as critical thinking, communicating effectively both in visual and verbal forms - cooperating with others, taking initiatives and providing leadership in solving others’ problems
  • develop qualities clustered around the personal, social, moral, national and spiritual values that make a person humane and socially effective.

COURSE STRUCTURE

CLASS IX

  • Time: 3 Hrs.
  • Max. Marks: 80

No.

Units Marks

Periods

I India and the Contemporary World - I 20

60

II Contemporary India - I 20

55

III Democratic Politics - I 20

50

IV Economics 20

50

  Total 80

215

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Subjects: 

CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (Science)

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CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (Science)



Syllabus :

COURSE STRUCTUR CLASS X
(Annual Examination) Marks: 80

Unit
No.

Unit

Marks

I Chemical Substances-Nature and Behaviour

25

II World of Living

23

III Natural Phenomena

12

IV Effects of Current

13

V Natural Resources

07

  Total

80

  Internal assessment

20

  Grand Total

100

Note: Above weightage includes the weightage of questions based on practical skills.
Theme: Materials (55 Periods)
Unit I: Chemical Substances - Nature and Behaviour

Chemical reactions: Chemical equation, Balanced chemical equation, implications of a balanced chemical equation, types of chemical reactions: combination, decomposition, isplacement, double displacement, precipitation, neutralization, oxidation and reduction.

Acids, bases and salts: Their definitions in terms of furnishing of H+ and OH– ions, General properties, examples and uses, concept of pH scale (Definition relating to logarithm not required), importance of pH in everyday life; preparation and uses of Sodium Hydroxide, Bleaching powder, Baking soda, Washing soda and Plaster of Paris.

Metals and nonmetals: Properties of metals and non-metals; Reactivity series; Formation and properties of ionic compounds; Basic metallurgical processes; Corrosion and its prevention.
Carbon compounds: Covalent bonding in carbon compounds. Versatile nature of carbon. Homologous series. Nomenclature of carbon compounds containing functional groups (halogens, alcohol, ketones, aldehydes, alkanes and alkynes), difference between saturated hydrocarbons and unsaturated hydrocarbons. Chemical properties of carbon compounds (combustion, oxidation, addition and substitution reaction). Ethanol and Ethanoic acid (only properties and uses), soaps and detergents.

Periodic classification of elements: Need for classification, Early attempts at classification of elements (Dobereiner’s Triads, Newland’s Law of Octaves,Mendeleev’s Periodic Table), Modern periodic table, gradation in properties, valency, atomic number, metallic and non-metallic properties.

Theme: The World of the Living (50 Periods)
Unit II: World of Living

Life processes: ‘Living Being’. Basic concept of nutrition, respiration, transport and excretion in plants and animals.

Control and co-ordination in animals and plants: Tropic movements in plants; Introduction of plant hormones; Control and co-ordination in animals: Nervous system; Voluntary, involuntary and reflex action; Chemical co-ordination: animal hormones.

Reproduction: Reproduction in animals and plants (asexual and sexual) reproductive health-need and methods of family planning. Safe sex vs HIV/AIDS. Child bearing and women’s health.

Heredity and Evolution: Heredity; Mendel’s contribution- Laws for inheritance of traits: Sex determination: brief introduction; Basic concepts of evolution. Theme: Natural Phenomena (23 Periods)

Unit III: Natural Phenomena

Reflection of light by curved surfaces; Images formed by spherical mirrors, centre of curvature, principal axis, principal focus, focal length, mirror formula (Derivation not required), magnification. Refraction; Laws of refraction, refractive index. Refraction of light by spherical lens; Image formed by spherical lenses; Lens formula (Derivation not required); Magnification. Power of a lens. Functioning of a lens in human eye, defects of vision and their corrections, applications of spherical mirrors and lenses. Refraction of light through a prism, dispersion of light, scattering of light, applications in daily life.

Theme: How Things Work (32 Periods)
Unit IV: Effects of Current

Electric current, potential difference and electric current. Ohm’s law; Resistance, Resistivity, Factors on which the resistance of a conductor depends. Series combination of resistors, parallel combination of resistors and its applications in daily life. Heating effect of electric current and its applications in daily life. Electric power, Interrelation between P, V, I and R.

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GENERAL: 
Subjects: 
Exam / Class: 

CBSE Class-9 Syllabus 2019-20 (Science)

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CBSE Class-9 Syllabus 2019-20 (Science)



The subject of Science plays an important role in developing well-defined abilities in cognitive, affective and psychomotor domains in children. It augments the spirit of enquiry, creativity, objectivity and aesthetic sensibility.

Upper primary stage demands that a number of opportunities should be provided to the students to engage them with the processes of Science like observing, recording observations, drawing, tabulation, plotting graphs, etc., whereas the secondary stage also expects abstraction and quantitative reasoning to occupy a more central place in the teaching and learning of Science. Thus, the idea of atoms and molecules being the building blocks of
matter makes its appearance, as does Newton’s law of gravitation. 

The present syllabus has been designed around seven broad themes viz. Food; Materials; The World of The Living; How Things Work; Moving Things, People and Ideas; Natural Phenomenon and Natural Resources. Special care has been taken to avoid temptation of adding too many concepts than can be comfortably learnt in the given time frame. No attempt has been made to be comprehensive.

At this stage, while science is still a common subject, the disciplines of Physics, Chemistry and Biology begin to emerge. The students should be exposed to experiences based on hands on activities as well as modes of reasoning that are typical of the subject.

General Instructions:

1. There will be an Annual examination based on entire syllabus.
2. The annual examination will be of 80 marks and 20 marks shall be for Internal Assessment.
3. The components of Internal Assessment would be:
a. Periodic Assessment of 10 marks that would include:

  • For 5 marks- Three periodic tests conducted by the school. Average of the best two tests to be taken. This will have a weightage of 05 marks towards the final result.
  • For 5 marks- Diverse methods of assessment as per the need of the class dynamics and curriculum transaction.These may include- short tests, oral test, quiz, concept map, etc. This will also have a weightage of 5 marks towards the final result.

b. Practical / Laboratory work should be done throughout the year and the student should maintain record of the same. Practical Assessment should be continuous.There will be weightage of 5 marks towards the final result. All practicals listed in the syllabus must be completed.
c. Portfolio to be prepared by the student- This would include classwork, other sample of student work, self-assessment and peer-assessment. This will carry a weightage of 5 marks towards the final results.

COURSE STRUCTURE CLASS IX
(Annual Examination)

Unit No.

Unit

Marks

I Matter - Its Nature and Behaviour

23

II Organisation in the Living World

20

III Motion, Force and Work

27

IV

Our Environment

06

V

Food; Food Production

04

  Total

80

  Internal assessment

20

  Grand Total

100

Note: Above weightage includes the weightage of questions based on practical skills.

Theme: Materials (50 Periods)
Unit I: Matter-Nature and Behaviour

Definition of matter; solid, liquid and gas; characteristics - shape, volume, density; change of state-melting (absorption of heat), freezing, evaporation (cooling by evaporation), condensation, sublimation.

Nature of matter: Elements, compounds and mixtures. Heterogeneous and homogenous mixtures, colloids and suspensions.
Particle nature, basic units: Atoms and molecules, Law of constant proportions, Atomic and molecular masses. Mole concept: Relationship of mole to mass of the particles and numbers.
Structure of atoms: Electrons, protons and neutrons, valency, chemical formula of common compounds. Isotopes and Isobars.
Theme: The World of the Living (45 Periods)

Unit II: Organization in the Living World
Cell - Basic Unit of life : Cell as a basic unit of life; prokaryotic and eukaryotic cells, multicellular organisms; cell membrane and cell wall, cell organelles and cell inclusions; chloroplast, mitochondria, vacuoles, endoplasmic reticulum, Golgi apparatus; nucleus, chromosomes - basic structure, number.
Tissues, Organs, Organ System, Organism:

Structure and functions of animal and plant tissues (only four types of tissues in animals; Meristematic and Permanent tissues in plants).

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Exam / Class: 

CBSE Class-9 Syllabus 2019-20 (Mathematics)

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CBSE Class-9 Syllabus 2019-20 (Mathematics)



Syllabus :

The Syllabus in the subject of Mathematics has undergone changes from time to time in accordance with growth of the subject and emerging needs of the society. The present revised syllabus has been designed in accordance with National Curriculum Framework 2005 and as per guidelines given in the Focus Group on Teaching of Mathematics which is to meet the emerging needs of all categories of students. For motivating the teacher to relate the topics to real life problems and other subject areas, greater emphasis has been laid on applications of various concepts.

The curriculum at Secondary stage primarily aims at enhancing the capacity of students to employ Mathematics in solving day-to-day life problems and studying the subject as a separate discipline. It is expected that students should acquire the ability to solve problems using algebraic methods and apply the knowledge of simple trigonometry to solve problems of height and distances. Carrying out experiments with numbers and forms of geometry, framing hypothesis and verifying these with further observations form inherent part of Mathematics learning at this stage. The proposed curriculum includes the study of number system, algebra, geometry, trigonometry, mensuration, statistics, graphs and coordinate geometry, etc.

The teaching of Mathematics should be imparted through activities which may involve the use of concrete materials, models, patterns, charts, pictures, posters, games, puzzles and experiments.

Objectives :

The broad objectives of teaching of Mathematics at secondary stage are to help the learners to:

  • consolidate the Mathematical knowledge and skills acquired at the upper primary stage;
  • acquire knowledge and understanding, particularly by way of motivation and visualization, of basic concepts, terms, principles and symbols and underlying processes and skills;
  • develop mastery of basic algebraic skills;
  • develop drawing skills;
  • feel the flow of reason while proving a result or solving a problem;
  • apply the knowledge and skills acquired to solve problems and wherever possible, by more than one method;
  • to develop ability to think, analyze and articulate logically;
  • to develop awareness of the need for national integration, protection of environment,observance of small family norms, removal of social barriers, elimination of gender biases;
  • to develop necessary skills to work with modern technological devices and mathematical software's.
  • to develop interest in mathematics as a problem-solving tool in various fields for its beautiful structures and patterns, etc.
  • to develop reverence and respect towards great Mathematicians for their contributions to the field of Mathematics;
  • to develop interest in the subject by participating in related competitions;
  • to acquaint students with different aspects of Mathematics used in daily life;
  • to develop an interest in students to study Mathematics as a discipline.

COURSE STRUCTURE CLASS -IX

Units

Unit Name

Marks

I NUMBER SYSTEMS

08

II ALGEBRA

17

III COORDINATE GEOMETRY

04

IV GEOMETRY

28

V MENSURATION

13

VI STATISTICS & PROBABILITY

10

  Total

80

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Subjects: 
Exam / Class: 

CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (Mathematics)

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CBSE Class-10 Syllabus 2019-20 (Mathematics)



Syllabus :

The Syllabus in the subject of Mathematics has undergone changes from time to time in accordance with growth of the subject and emerging needs of the society. The present revised syllabus has been designed in accordance with National Curriculum Framework 2005 and as per guidelines given in the Focus Group on Teaching of Mathematics which is to meet the emerging needs of all categories of students. For motivating the teacher to relate the topics to real life problems and other subject areas, greater emphasis has been laid on applications of various concepts.

The curriculum at Secondary stage primarily aims at enhancing the capacity of students to employ Mathematics in solving day-to-day life problems and studying the subject as a separate discipline. It is expected that students should acquire the ability to solve problems using algebraic methods and apply the knowledge of simple trigonometry to solve problems of height and distances. Carrying out experiments with numbers and forms of geometry, framing hypothesis and verifying these with further observations form inherent part of Mathematics learning at this stage. The proposed curriculum includes the study of number system, algebra, geometry, trigonometry, mensuration, statistics, graphs and coordinate geometry, etc.

The teaching of Mathematics should be imparted through activities which may involve the use of concrete materials, models, patterns, charts, pictures, posters, games, puzzles and experiments.

Objectives :

The broad objectives of teaching of Mathematics at secondary stage are to help the learners to:

  • consolidate the Mathematical knowledge and skills acquired at the upper primary stage;
  • acquire knowledge and understanding, particularly by way of motivation and visualization, of basic concepts, terms, principles and symbols and underlying processes and skills;
  • develop mastery of basic algebraic skills;
  • develop drawing skills;
  • feel the flow of reason while proving a result or solving a problem;
  • apply the knowledge and skills acquired to solve problems and wherever possible, by more than one method;
  • to develop ability to think, analyze and articulate logically;
  • to develop awareness of the need for national integration, protection of environment,observance of small family norms, removal of social barriers, elimination of gender biases;
  • to develop necessary skills to work with modern technological devices and mathematical software's.
  • to develop interest in mathematics as a problem-solving tool in various fields for its beautiful structures and patterns, etc.
  • to develop reverence and respect towards great Mathematicians for their contributions to the field of Mathematics;
  • to develop interest in the subject by participating in related competitions;
  • to acquaint students with different aspects of Mathematics used in daily life;
  • to develop an interest in students to study Mathematics as a discipline.

COURSE STRUCTURE CLASS -X

Units

Unit Name

Marks

I NUMBER SYSTEMS

06

II ALGEBRA

20

III COORDINATE GEOMETRY

06

IV GEOMETRY

15

V TRIGONOMETRY

12

VI MENSURATION

10

VII

STATISTICS & PROBABILTY

11

  Total

80

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CBSE Special TX: 
GENERAL: 
Subjects: 
Exam / Class: 

NTSE Sample Questions : 2017 Andhra Pradesh State (APTITUDE TEST)



NTSE Sample Questions : 2017 Andhra Pradesh State (APTITUDE TEST)



(i) Subjects, Question Sr. Nos. and Marks allotted

GENERAL: 
Exam / Class: 

(Download) Ebook: A Textbook for English Course(Cummunicative)



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  • Class : IX
  • E-Book Name: A Textbook for English Course(Cummunicative)

Contents:

GENERAL: 
Exam / Class: 

(Download) Ebook: Life Skills - Teacher's Manual Class-VIII



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  • Class : VIII
  • E-Book Name: Teacher's Manual

Contents:

INTRODUCTION
Psychodynamics of Adolescents

GENERAL: 

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